Color Heading... : लोहाघाट:लोजनी में पेयजल के लिए हाहाकार 4 साल में भी पूरी नहीं हुई जेजेएम योजना।
Laxman Singh Bisht
Mon, Oct 27, 2025
लोजनी में पेयजल के लिए हाहाकार 4 साल में भी पूरी नहीं हुई जेजेएम योजना।
घरों से पानी लाकर स्कूल में शौच जाने को मजबूर प्राइमरी के बच्चे।
घर से पानी लाकर मिड डे मील बना रही है भोजन माता। एक नोले पर निर्भर है पूरा गांव।
डीएम के निर्देश पर कुछ दिन योजना पर चला कार्य विभाग ने फिर से किया बंद।
बरसों से पेयजल के लिए जूझ रहा है लोजनी तोक नहीं ले रहा है कोई सुध। जनप्रतिनिधि हुए लापता।डीएम पर टिकी निगाहें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हर घर में नल और हर घर को जल देने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन योजना चलाई गई थी। पर चंपावत जिले के लोहाघाट विधानसभा के सीमांत क्षेत्र में योजना परवान नहीं चढ़ पाई है। सीमांत क्षेत्र की कई योजनाएं अधूरे में लटकी पड़ी हुई है और क्षेत्र में अभी से पेयजल के लिए हाहाकार मचना शुरू हो गया है ।लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत कायल ग्राम सभा के लोजनी में अभी से ही पेयजल के लिए ग्रामीण परेशान है।
ग्रामीण नोलो से पेयजल ढोने के लिए मजबूर है।ग्रामीण जल जीवन मिशन से बन रही रौसाल रेट्रो पेयजल योजना के पूर्ण होने की आस लगाए बैठे हो जो चार साल में भी पूरी नहीं हो पाई है। किसान नेता मोहन चंद्र पांडे ने बताया लोजनी के ग्रामीण बरसो से एक छोटे से नौले के पानी से अपना व मवेशियों का गुजारा कर रहे है पांडे ने कहा गर्मी बढ़ने के साथ-साथ क्षेत्र में पेयजल का भीषण संकट पैदा हो जाता है। कहा योजना पूरी न होने से ग्रामीण बहुत परेशान हैं। पांडे ने बताया ग्रामीण उमेद सिंह, त्रिलोक सिंह,राजन सिंह ,गिरीश सिंह, अमरनाथ,परी देवी , नीला देवी,चंद्रा देवी,व अन्य महिलाओं ने अपनी आपबीती सैकड़ों बार सरकार , प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखी लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
मोहन चंद्र पांडे ने बताया पिछले महीने इसी समस्या के संदर्भ में मैंने और गिरीश सिंह बोहरा ने डीएम चंपावत मनीष कुमार से मुलाकात कर उन्हें समस्या बताई इसके बाद जिलाधिकारी के द्वारा जल्द संस्थान के अधिकारियों को कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया था और उसके बाद पंप हाउस का थोड़ा काम जल संस्थान के द्वारा शुरू किया गया ।लेकिन अब फिर से बंद कर दिया गया है।और विभाग अब वन विभाग की रोक की बात कर रहा है। पांडे ने बताया रौसाल प्राइमरी स्कूल में भी पेयजल की गंभीर समस्या है बच्चे अपने अपने घरों से पानी लाकर शौच आदि करते है। भोजनमाता भी घर से पानी लाकर भोजन बनाने की व्यवस्था करतीं हैं। स्कूल में भी पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। पांडे ने कहा अगर जल जीवन मिशन की यह रोसाल रेट्रो पेयजल योजना समय से बन जाती है तो ग्रामीण को इसका भरपूर लाभ मिलेगा ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा पूरा सीमांत क्षेत्र पेयजल समस्या से जूझ रहा है
उन्होंने जिलाधिकारी चंपावत से जल्द से जल्द समस्या के समाधान करने की मांग की है। पांडे ने बताया अगर सीमांत क्षेत्र की योजनाएं समय पर नहीं बनती है तो सीमांत क्षेत्र को इस बार भीषण पेयजल संकट से जूझना पड़ सकता है। जिलाधिकारी मनीष कुमार की कार्य प्रणाली को देखते हुए अब ग्रामीणों की आस सिर्फ जिलाधिकारी पर लगी हुई है कि जिलाधिकारी उनकी समस्या का समाधान करेंगे।