Thursday 25th of December 2025

ब्रेकिंग

चंपावत में टला बड़ा हादसा विद्युत तारों से उलझा ट्राला अंधेरे में डूबा चंपावत।

अल्मोड़ा:सांसद खेल महोत्सव मे चंपावत का परचम फुटबॉल में मुनस्यारी को 5–1 से हराकर खिताब पर कब्ज़ा

डीएम ने किया लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय औचक निरीक्षण। नवजात शिशुओ का जाना हाल माताओ को दी शुभकामनाएं

चंपावत:सिप्टी वाटरफॉल के सौन्दर्यकरण कार्यों का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण

लोहाघाट:बातों-बातों में लोहाघाट की मीना बाज़ार: पांडे

रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट : लोहाघाट:राजनीति में शालीनता के प्रतीक थे अटल जी -शशांक पाण्डेय

Laxman Singh Bisht

Thu, Dec 25, 2025

राजनीति में शालीनता के प्रतीक थे अटल जी -शशांक पाण्डेयआज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। यह अवसर एक पूर्व प्रधानमंत्री को स्मरण करने के साथ ही उस विचार, उस मूल्य और उस राजनीतिक संस्कृति को नमन करने का दिन है, जिसने भारतीय लोकतंत्र को नई गरिमा दी। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के ऐसे शिखर पुरुष थे, जिनका जीवन सत्ता की चमक से नहीं, बल्कि सेवा, संयम और सिद्धांतों से प्रकाशित था।अटल जी का व्यक्तित्व असाधारण होते हुए भी अत्यंत सहज था। वे राजनीति में शोर से नहीं, शब्दों के वजन से पहचाने जाते थे। उनकी वाणी में ओज था, पर कटुता नहीं; उनके तर्कों में दृढ़ता थी, पर दंभ नहीं। संसद में जब अटल बिहारी वाजपेयी बोलते थे, तो केवल पक्ष या विपक्ष ही नहीं, पूरा सदन ध्यान से सुनता था। वे असहमति को भी सम्मान के साथ व्यक्त करने की कला जानते थे और यही उन्हें एक सच्चा लोकतांत्रिक नेता बनाती थी।उनका राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा रहा, किंतु उन्होंने कभी अपने मूल्यों से समझौता नहीं किया। सत्ता में हों या विपक्ष में, उन्होंने हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। वे मानते थे कि राजनीति का उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि जनता के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। यही कारण है कि उनके विचार और निर्णय आज भी प्रासंगिक प्रतीत होते हैं।प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भारत को आत्मविश्वास और स्वाभिमान की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके नेतृत्व में देश ने अपनी सामरिक क्षमता को सुदृढ़ किया और विश्व को यह संदेश दिया कि भारत अपने हितों की रक्षा करना जानता है। साथ ही, उन्होंने विकास को केवल आँकड़ों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे आम नागरिक के जीवन से जोड़ा। सड़कों, संचार और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में उनकी दूरदृष्टि ने देश की आर्थिक और सामाजिक गति को नई दिशा दी।अटल जी की विदेश नीति में भी संतुलन और मानवीय दृष्टिकोण स्पष्ट दिखाई देता था। वे शांति के पक्षधर थे, लेकिन राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान से कभी समझौता नहीं करते थे। संवाद, सद्भाव और सहयोग उनकी नीति के मूल तत्व थे। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि एक जिम्मेदार और सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरी।राजनीति के कठोर वातावरण में भी अटल बिहारी वाजपेयी जी का हृदय एक कवि का था। उनकी कविताओं में जीवन की पीड़ा, संघर्ष और आशा की गूंज सुनाई देती है। यह संवेदनशीलता उनकी राजनीति में भी दिखाई देती थी। वे जानते थे कि देश केवल कानूनों और नीतियों से नहीं चलता, बल्कि भावनाओं, विश्वास और मानवीय संबंधों से आगे बढ़ता है। इसलिए उनके निर्णयों में कठोरता के साथ करुणा का संतुलन बना रहता था।आज जब हम उनकी जयंती मना रहे हैं, तब अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन हमें यह सीख देता है कि राजनीति में नैतिकता, शालीनता और संवाद संभव है। वे एक ऐसे युग के प्रतिनिधि थे, जहाँ विचारधाराएँ अलग हो सकती थीं, लेकिन देश सर्वोपरि रहता था। अटल जी एक आदर्श थे, जिनका मार्गदर्शन आने वाली पीढ़ियों को भी मिलता रहेगा। इस महान व्यक्तित्व को शत-शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि।

(लेखक लोहाघाट निवासी हैं और संघ विचारधारा से जुड़ाव रखते हैं)

जरूरी खबरें