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रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : लोहाघाट के बाणासुर किले की पहाड़ी से पैराग्लाइडिंग उड़ानों की शुरुआत

Laxman Singh Bisht

Sun, Jul 27, 2025

लोहाघाट के बाणासुर किले की पहाड़ी से पैराग्लाइडिंग उड़ानों की शुरुआत

साहसिक पर्यटन और युवाओं के स्वरोजगार की दिशा में एक बड़ा कदम

लपर्यटन विभाग द्वारा जनपद चंपावत में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई पहल करते हुए ऐतिहासिक बाणासुर किले की निकटवर्ती पहाड़ी से पैराग्लाइडिंग उड़ानों का शुभारंभ किया गया है।यह पहल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के "उत्तराखण्ड को साहसिक एवं आत्मनिर्भर पर्यटन राज्य" के रूप में विकसित करने के विज़न के अंतर्गत, विशेष रूप से चंपावत को साहसिक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक दूरगामी और प्रेरणादायी शुरुआत है।सचिव पर्यटन धीराज गर्ब्याल के निर्देशानुसार, जनपद चंपावत के स्थानीय युवाओं को दो पैराग्लाइडर उपलब्ध कराए गए हैं। उन्हें नियमित प्रशिक्षण एवं उड़ान अभ्यास के माध्यम से तैयार किया जा रहा है, ताकि अक्टूबर-नवंबर 2025 से चंपावत में व्यवसायिक (कॉमर्शियल) टैण्डम पैराग्लाइडिंग की विधिवत शुरुआत की जा सके।इस प्रयास से एक ओर जहाँ चंपावत आने वाले पर्यटक रोमांचक टैण्डम पैराग्लाइडिंग का आनंद ले सकेंगे, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।यह पहल जिला पर्यटन विकास अधिकारी बलवंत सिंह कपकोटी के मार्गदर्शन में प्रारंभ कराई गई है। प्रारंभिक उड़ानों में प्रशिक्षित स्थानीय युवा आशिष कोहली, शीतला ठाकुर एवं शुभम मेहता ने भाग लिया।जिलाधिकारी श मनीष कुमार ने कहा, "चंपावत प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक गतिविधियों की असीम संभावनाओं से परिपूर्ण जनपद है। पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियाँ न केवल युवाओं को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार प्रदान करेंगी, बल्कि जिले को पर्यटन के नए नक्शे पर स्थापित करेंगी।* प्रशासन द्वारा इस परियोजना को हरसंभव सहयोग दिया जा रहा है, ताकि इसे सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया जा सके। आने वाले समय में चूका और पंचेश्वर जैसे स्थलों को भी साहसिक पर्यटन गतिविधियों से जोड़े जाने की योजना है, जिससे जिले में पर्यटन का और अधिक विस्तार हो सके।"जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने बताया कि यह साइट व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग के लिए अत्यंत उपयुक्त है और भविष्य में यहाँ पैरामोटरिंग जैसे अन्य साहसिक खेलों की संभावनाएँ भी तलाशी जाएँगी।यह पहल न केवल जनपद के युवाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाएगी, बल्कि चंपावत को उत्तराखण्ड के प्रमुख साहसिक पर्यटन स्थलों की अग्रिम पंक्ति में ला खड़ा करेगा।

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