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लोहाघाट:दीपावली पूजन तिथि पर कोई असमंजस नहीं,21 अक्तूबर को ही होगा लक्ष्मी पूजन—दीपक पाटनी

रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट : लोहाघाट:दीपावली पूजन तिथि पर कोई असमंजस नहीं,21 अक्तूबर को ही होगा लक्ष्मी पूजन—दीपक पाटनी

Laxman Singh Bisht

Sun, Oct 19, 2025

दीपावली पूजन तिथि पर कोई असमंजस नहीं,21 अक्तूबर को ही होगा लक्ष्मी पूजन—दीपक पाटनीलोहाघाट। दीपावली के पर्व को लेकर इस बार लोगों के बीच गहरा असमंजस बना हुआ था। कहीं 20 अक्तूबर को दीपावली मनाने की चर्चा थी तो कहीं 21 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन करने की बात कही जा रही थी। सोशल मीडिया से लेकर बाजार तक, हर जगह यही सवाल गूंज रहा था कि आखिर सही तिथि कौन सी है। अब पंचांग और तिथि निर्धारण के आधार पर यह संशय पूरी तरह समाप्त हो गया है। ग्राम पाटन पाटनी के प्रसिद्ध ज्योतिष जानकार पंडित दीपक पाटनी के अनुसार इस वर्ष 21 अक्तूबर 2025, मंगलवार को ही महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा।उन्होंने बताया कि रामदत्त एवं भास्कर पंचांग में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि यदि दो दिन प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि हो, तो दूसरे दिन दीपावली मनाना शास्त्रसम्मत होता है। शास्त्र वचन के अनुसार— “दिनद्वये प्रदोषस्त्वे परः।” अर्थात यदि दो दिन प्रदोष काल सहित अमावस्या हो, तो दूसरे दिन ही दीपोत्सव करना चाहिए। इस वर्ष 20 और 21 अक्तूबर दोनों दिन कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि का संयोग बन रहा है, किंतु प्रदोष काल यानी संध्या समय 21 अक्तूबर को अमावस्या तिथि रहने के कारण उसी दिन लक्ष्मी पूजन करना उचित माना गया है।पाटनी ने कहा कि 20 अक्तूबर की संध्या तक तिथि परिवर्तन का योग बन जाता है, जिससे उस दिन प्रदोष काल पूर्ण नहीं रहता। इस कारण 20 अक्तूबर को दीपावली मनाना शास्त्रों के अनुरूप नहीं है। दूसरी ओर 21 अक्तूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।अब जब पंचांग और शास्त्र दोनों ने स्पष्ट रूप से 21 अक्तूबर को ही महालक्ष्मी पूजन का दिन बताया है, तो लोगों के मन का संशय भी दूर हो गया है। व्यापारी वर्ग, गृहस्थ, संस्थान और मंदिर समितियाँ सभी 21 अक्तूबर को दीपोत्सव की तैयारी में जुट गए हैं। बाजारों में रौनक लौट आई है, मिठाई की दुकानों पर भीड़ बढ़ गई है और घरों में रंगोली, दीयों व सजावट का काम आरंभ हो चुका है।धर्माचार्यों का कहना है कि दीपावली दीपों का पर्व के साथ ही आत्मप्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। सही तिथि और शुभ मुहूर्त में पूजन करने से पूजा का फल अनेक गुना बढ़ जाता है। इसलिए इस वर्ष सभी श्रद्धालु 21 अक्तूबर की संध्या में माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा-अर्चना कर अपने जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और आनंद का दीप प्रज्वलित करेंगे।वहीं लोहाघाट के शशांक पाण्डेय का कहना है जिस पंचांग के अनुसार जन्मकुंडली बनाने से लेकर सारे कार्य संपन्न होते है,उसी के अनुसार सारे त्योहार भी मनाने चाहिए।उन्होंने भी 21 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन शास्त्र सम्मत बताया है।(पंडित दीपक चंद्र पाटनी क्षेत्र के प्रसिद्ध ज्योतिष जानकार है)

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